पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यूपीए सरकार को लेकर दिए गए बयान ने एक नया ही विवाद खड़ा कर दिया है। ममता के बयान पर कांग्रेस बुरी तरह से भड़क उठी है। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस के बिना बीजेपी के खिलाफ गठबंधन संभव नहीं है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमारी लड़ाई सत्ताधारी पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ है। जो लोग हमारे साथ आना चाहते हैं, उन्हें हमारे साथ आना चाहिए और जो हमसे जुड़ना नहीं चाहते हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं…क्या बीजेपी के खिलाफ कोई राजनीतिक गठबंधन कांग्रेस की भागीदारी के बिना हो सकता है?
सत्ता में साम्प्रदायिक विचारधारा की पार्टी
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आज तक किसी भी ऐसे राजनीतिक दल से समझौता नहीं किया जो धर्म का उपयोग राजनीतिक हथियार के रूप में करता है। आज इस देश में सबसे बड़ा खतरा अगर कोई है तो वो साम्प्रदायिक, नफरत फैलाने वाली विचारधारा की पार्टी है जो आज सत्ता में है।
ममता के ‘UPA क्या है’ वाले बयान पर बोले खड़गे-हमें मिलकर BJP से लड़ना है, आपस में न लड़े विपक्ष
दिग्विजय सिंह ने कहा, अमित शाह कहते हैं कि हर चीज को क्रोनोलॉजी में देखना चाहिए। क्या क्रोनोलॉजी है, किसान बिल आया तो चर्चा क्यों नहीं कराई गई। हंगामा क्यों हुआ, हंगामा इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी चर्चा नहीं कराना चाहती थी। क्या ये हमारा अधिकार नहीं था।
विदेश में रह कर कोई कुछ भी हासिल नहीं कर सकता : ममता
दरअसल, ममता बनर्जी ने कांग्रेस का नाम लिया बिना कहा कि ‘‘अब यूपीए जैसा कुछ नहीं है’’ और ‘ज्यादातर समय’ विदेश में रह कर कोई कुछ भी हासिल नहीं कर सकता है, इसीलिए हमें कई दूसरे राज्यों में जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि देश में फासिज्म चल रहा है इसलिए एक वैकल्पिक ताकत बननी चाहिए। अकेले रहने से नहीं होगा।
ममता के इस बयान पर कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी की सोची-समझी साज़िश है कि शरद पवार और अन्य नेताओं को लाएं और यह दिखाए कि कांग्रेस और यूपीए से अलग एक फोर्स तैयार हो गया है।