केरल (Kerala) में विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक (University Laws Amendment Bil) पर विवाद गरमा गया है। केरल सरकार की और से पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार वे कुलपति की नियुक्ति करेंगे। इसको लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Governor Arif Mohammad Khan) ने भारी नाराजगी जाहिर की है।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सीएम ने मुझे पत्र लिखकर आश्वासन दिया था कि किलपति की नियुक्ति को लेकर कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। लेकिन, अब वे प्रस्ताव कर रहे हैं कि वो कुलपति की नियुक्ति करेंगे। इसका मतलब होगा शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता का क्षरण। जब तक मैं यहां हूं, मैं विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता के क्षरण की अनुमति नहीं दूंगा।
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उन्होंने कहा कि सब कुछ मेरिट के आधार पर माना जाएगा। सरकार को कुलपतियों को संचालित करने की शक्ति नहीं दी जा सकती है। मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं, यह कार्यकारी हस्तक्षेप होगा।
राज्यपाल ने कहा कि जब उन्होंने कन्नूर में मुझ पर शारीरिक हमला करने की कोशिश की, तो यह एक साजिश थी और कन्नूर विश्वविद्यालय के वीसी का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि मैं वहां मौजूद हूं… कुछ विचारधाराएं जो भारत के बाहर उत्पन्न हुई हैं, अपने राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बल के उपयोग में विश्वास करती हैं।
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि तीन साल पहले कन्नूर में मेरी जान लेने की कोशिश की गई थी। पुलिस को केस दर्ज करने से किसने रोका? गृह विभाग किसके पास था? आप राज्यपाल के कार्यालय को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। आपने मुझ पर दबाव बनाने के लिए, मुझे डराने की कोशिश करने के लिए अपने बॉक्स में हर हथकंडा आजमाया है।
क्या है विवाद?
आपको बता दें कि एक सितंबर को केरल विधानसभा में विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक 2022 पारित कर दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप विपक्ष ने सरकार पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल की शक्तियों को कम करने की कोशिश का आरोप लगाया।