मणिपुर में उग्रवादियों ने कायराना हरकत में चुराचांदपुर जिले के सिंघत उप-मंडल में असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर, उनके परिवार के सदस्यों और राइफल्स के अन्य जवानों को मार डाला। हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी और बेटा भी मारे गए हैं। हमला सुबह 10 बजे हुआ है। हमले के पीछे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ बताया जा रहा है। और अन्य सैनिक मारे गए। इस हमले की पुष्टि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने की है। उन्होंने घटना पर शोक व्यक्त किया है।
सेहकेन जिला मुख्यालय चुराचंदपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर बेहियांग क्षेत्र में एक सीमावर्ती गांव है। सेना ने आतंकियों पर कार्रवाई के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया है। जिस समय असम राइफल्स यूनिट के कमांडिंग अफसर के काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया, तब काफिले में त्वरित प्रतिक्रिया टीम के सदस्य और अफसर के परिवार वाले शामिल थे। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को पुष्टि की है कि घात लगाकर किए गए हमले में कमांडेंट और जवानों के शहीद होने समेत उनके परिवार के लोगों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री ने घटना की निंदा की
Strongly condemn the cowardly attack on a convoy of 46 AR which has reportedly killed few personnel including the CO & his family at CCpur today. The State forces & Para military are already on their job to track down the militants. The perpetrators will be brought to justice.
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) November 13, 2021
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ट्वीट करते हुए घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है, ’46 असम राइफल्स के काफिले पर हुए कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें आज सीसीपुर में सीओ और उनके परिवार सहित कुछ कर्मियों की मौत हो गई है। राज्य बल और अर्धसैनिक बल पहले से ही उग्रवादियों को पकड़ने का काम कर रहे हैं. दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।’
आतंकी संगठन है पीएलए
इस हमले के लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसका गठन साल 1978 में हुआ था । बाद में भारत सरकार ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया था । ये संगठन मणिपुर में भारतीय सुरक्षाबलों पर धोखे से हमले करने के लिए जाना जाता है। इसका गठन बिश्वेसर सिंह ने किया था। । आतंकी संगठन पीएलए स्वतंत्र मणिपुर की मांग करता है।