अंतर्राष्ट्रीय संचार प्लेटफॉर्म ट्विटर (international communication platform twitter) को निशाना बनाकर राकांपा (Nationalist Congress Party) ने गुरूवार को केंद्र की मोदी सरकार पर ‘लोगों की आवाज दबाने’ की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
वैश्विक मीडिया दिग्गज द्वारा अपनी नवीनतम पारदर्शिता रिपोर्ट में किए गए खुलासे का उल्लेख करते हुए, राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मंत्री नवाब मलिक ने ट्विटर से लगभग दैनिक आधार पर जानकारी मांगकर उसे परेशान करने के कथित प्रयासों के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की।
मलिक ने कहा, ट्विटर एक ऐसा मंच है जहां आम लोग पारदर्शी तरीके से अपने विचारों को प्रसारित कर सकते हैं। यहां तक कि भारत में भी जनता के लिए स्वतंत्र रूप से और निडरता से अपनी राय व्यक्त करने के लिए इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि यह उन्हें अन्याय को उजागर करने के लिए एक आउटलेट देता है।
उन्होंने कहा, हालांकि, भारत सरकार को डर है कि वह ट्विटर के कारण लोगों की बोलने की स्वतंत्रता को नहीं छीन पा रही है। इस देश में, कई चीजें नियंत्रित हैं, लोगों को अपनी आवाज उठाने के लिए कोई मंच नहीं है। ट्विटर सच का खुलासा कर रहा है, इसलिए सरकार इसे इस तरह से परेशान कर रही है।
राकांपा नेता ने कहा कि अगर फर्जी पोस्ट, संदेश या वीडियो हैं, तो उन्हें संभालने, उन्हें बुक करने और ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम सहित देश में कई कानून लागू किए जा सकते हैं।
उनकी टिप्पणी ट्विटर के हालिया पारदर्शिता खुलासे के मद्देनजर आई है, जिसमें दावा किया गया है कि खातों की जानकारी से संबंधित सभी अनुरोधों में से 25 प्रतिशत भारत से उत्पन्न होते हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।