देश के कई हिस्सों में बढ़ते जबरन धर्मांतरण और विवाह के मामलो को देखते हुए बीजेपी शासित राज्यों ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया है। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के बाद अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने भी लव जिहाद के खिलाफ (धार्मिक स्वतंत्रता) अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।
इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संविधान में कहीं भी लव-जिहाद की कोई परिभाषा नहीं है। बीजेपी शासित राज्य लव जिहाद कानूनों के माध्यम से संविधान का मजाक बना रहे हैं … यदि बीजेपी शासित राज्य कानून बनाना चाहते हैं, तो उन्हें एमएसपी के लिए कानून बनाना चाहिए और रोजगार उपलब्ध कराने चाहिए।
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उन्होंने कहा, न्यायालयों ने दोहराया है कि भारत के संविधान में अनुच्छेद 21, 14 और 25 के तहत, किसी भी भारतीय नागरिक के निजी जीवन में किसी भी सरकार की कोई भूमिका नहीं है … बीजेपी स्पष्ट रूप से संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने में लिप्त है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में कैबिनेट ने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अध्यादेश को अब राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अध्यादेश कानून की शक्ल ले लेगा। अध्यादेश के मुताबिक, राज्य में धोखे से धर्मांतरण कराये जाने के मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल की कैद एवं एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।