प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की राजधानी दिल्ली, आर्थिक राजधानी मुंबई और धार्मिक नगरी वाराणसी समेत देश के कोने-कोने से आठ जगहों से हरी झंडी दिखाकर आठ स्पेशल ट्रेनों को केवड़िया के लिए रवाना किया। इस प्रकार गुजरात में सरदार सरोवर बांध के समीप स्थित केवड़िया गांव देशभर से रेलमार्ग से जुड़ गया है। इसी गांव के पास ही महान स्वतंत्रता सेनानी लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है।
केवड़िया के लिए ये ट्रेनें वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर से रवाना हुई हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि रेलवे के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हो रहा है जब एक साथ देश के अलग-अलग कोने से एक ही जगह के लिए इतनी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई हो। केवड़िया जगह भी तो ऐसी है, इसकी पहचान देश को एक भारत, श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा से है।
उन्होंने कहा कि इस रेल कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा लाभ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने आने वाले पर्यटकों को तो मिलेगा ही, साथ ही ये कनेक्टिविटी केवड़िया के आदिवासी भाई-बहनों का जीवन भी बदलने जा रही है। इससे रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर आएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए अब स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज़्यादा पर्यटक पहुंचने लगे हैं। अपने लोकार्पण के बाद क़रीब 50 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आ चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद हमारी ज़्यादातर ऊर्जा पहले की रेल व्यवस्था को सुधारने में लगी रही। उस दौरान नई सोच और नई तकनीक पर फोकस कम रहा। ये अप्रोच बदली जानी बहुत जरूरी थी, इसलिए बीते सालों में देश में रेलवे के पूरे तंत्र में व्यापक बदलाव करने के लिए काम किया गया। उन्होंने कहा कि देश में रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण के साथ ही आज देश के उन हिस्सों को रेलवे से जोड़ा जा रहा है जो अभी जुड़े नहीं थे। आज पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी के साथ पुराने रेल रूट का चौड़ीकरण और बिजलीकरण किया जा रहा है, रेल ट्रैक को ज़्यादा स्पीड के लिए सक्षम बनाया जा रहा है।