कांग्रेस नेता राहुल गांधी अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसी बैंक) में नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर रद्द किए गए नोट जमा किए जाने के बारे दिए गए बयानों को लेकर दायर मानहानि के एक मामले में आज गुजरात के अहमदाबाद की एक अदालत में पेश हुए जिसने उन्हें जमानत दे दी। पिछले साल अगस्त माह में एडीसी बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
इस बैंक के निदेशकों में बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को भी आरोपी बनाया है। दोपहर साढ़ बारह बजे यहां सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे राहुल गांधी दोपहर बाद साढ़े तीन बजे यहां मेट्रो कोर्ट परिसर में कोर्ट संख्या 13 में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट निराली बी मुंशी की अदालत में पेश हुए।
उन्होंने अदालत में खुद को दोषी मानने से इंकार किया और इसके बाद उन्होंने जमानत की अर्जी दी जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा उनके जमानतदार बने। राहुल गांधी को 15 हजार रूपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि का निजी मुचलका भी देना पड़ा। अदालत ने लगभग आधे घंटे की कार्यवाही के बाद सुनवाई की अगली तिथि 7 सितंबर तय की।
इससे पहले अभियोजन पक्ष के वकील एस वी राजू ने अदालत से कहा था कि इस मामले में राहुल को जमानत लेनी पड़गी। राहुल की ओर से आज हालांकि इस मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट की कोई अर्जी नहीं दी गई है। कांग्रेस ने एक बयान में कहा है राहुल गांधी के खिलाफ देश भर में दायर 20 से अधिक मानहानि के मुकदमें उन्हे डराने और प्रताड़ित करने की नीयत से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के कायकर्ताओं ने किए हैं पर राहुल गांधी बिना इनसे भयभीत हुए इनका सामना करेंगे और सभी मामलों में निर्भिकता के साथ अदालतों में अपना पक्ष रखेंगे।
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अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने इस मामले को प्रथम दृष्टया मानहानि का मामला मानते हुए राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला को समन जारी किया था। कोर्ट ने गत 27 अगस्त को इस मामले की जांच के आदेश दिए थे और बाद में साक्ष्यों की जांच की गई थी। पिछले साल जून में सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि इस बैंक में 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद मात्र पांच दिन में ही 745.58 करोड रूपये के पुराने रद्द किए गए 500 और 1000 रूपये के नोट बदल दिए थे।
उस अवधि में देश के कुल 370 जिला सहकारी बैंक में नोटों की ऐसी यह सबसे बड़ अदलाबदली थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बैंक के चेयरमैन पटेल स्वयं बीजेपी के एक नेता हैं और अमित शाह के करीबी सहयोगी हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि गुजरात में बीजेपी नेताओं की अध्यक्षता वाले 11 जिला सहकारी बैंकों ने नोटबंदी के पहले पांच दिन में ही 3,118.51 करोड़ रूपये जमा कराए गए थे।
राहुल गांधी ने भी इस मामले में अमित शाह और बीजेपी पर निशाना साधते हुए 22 जून को ट्वीट किया था- ‘बधाई हो अमित शाह जी, निदेशक, अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक। आपके बैंक ने पुराने नोटों को बदलने में पहला पुरस्कार हासिल किया है। महज पांच दिन में ही 750 करोड़ रूपये। करोड़ भारतीय जिनकी जिंदगी नोटबंदी ने बर्बाद कर दी थी, आपकी इस उपलब्धि को सलाम करते हैं।’
पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के झूठे आरोपों ने बैंक की छवि को नुकसान पहुंचाया है और इसके लिए उनके खिलाफ मानहानि का मामला चलाया जाना चाहिए। हालांकि पटेल आज अदालत में उपस्थित नहीं थे। ज्ञातव्य है कि गुजरात में इसके अलावा राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के दो अन्य मामलों में भी समन जारी हो चुके हैं।
अहमदाबाद की एक अन्य मेट्रोपॉलिटन अदालत ने जबलपुर की एक चुनावी रैली में राहुल गांधी द्वारा अमित शाह को हत्या का अभियुक्त कहे जाने को लेकर यहां महानगरपालिका में बीजेपी के एक पार्षद की ओर दायर मानहानि के मामले में गत मंगलवार को ही दोबारा समन जारी कर उन्हें नौ अगस्त को पेश होने को कहा है।
बेंगलुरू की एक रैली में सभी मोदी चोर हैं कहने को लेकर सूरत में विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से दायर मानहानि के एक अन्य मामले में भी मंगलवार को वहां की अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी कर 16 जुलाई को पेश होने कहा है।