उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर पार्टी नेतृत्व के साथ उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं की बैठक के बाद रावत ने कहा कि उनकी अगुवाई में चुनाव लड़ा जाएगा। अन्य नेता उनको सहयोग करेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में इसका फैसला लिया जाएगा।
बैठक करीब ढाई घंटे चली और यह निर्णय लिया गया कि कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड का आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी की बैठक में हरीश रावत को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से हिदायत और आश्वासन दोनों मिले। हिदायत यह दी गई कि रावत पार्टी जूनियर नेताओं के साथ सामंजस्य बैठाकर और उन्हें साथ लेकर चलेंगे और आश्वासन यह कि उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा।
हरीश रावत के नेतृत्व में लड़ा जाएगा चुनाव
हालांकि, राहुल गांधी से मुलाकात के बाद हरीश रावत गीत गाते हुए बोले, "कदम, कदम बढ़ाए जा, कांग्रेस के गीत गए जा... मैं उत्तराखंड में चुनाव प्रचार का चेहरा बनूंगा।" उन्होंने कहा, एक विशेषाधिकार हमेशा कांग्रेस अध्यक्ष के पास रहा है। दूसरा, अन्य कांग्रेस जन को एक सामूहिक विश्वास का विशेषाधिकार है, जिसमें चुनाव के बाद पार्टी विधायकों की बैठक में यह तय किया जाता है कि उसका नेता कौन होगा।
दिल्ली में सुलह के प्रयास के बीच उत्तराखंड में आपस में भिड़े हरीश रावत और प्रीतम सिंह के समर्थक
पार्टी विधायक अपनी राय कांग्रेस अध्यक्ष को देते हैं और कांग्रेस अध्यक्ष इस पर अंतिम फैसला करता है। यह विशेषाधिकार कांग्रेस के लोगों को हृदय से प्यारा है, हम उत्तराखंड में भी उसी का पालन करेंगे। यह तय हुआ है कि मैं सीएलपी लीडर के तौर पर काम करूंगा, और सब लोग उस काम में सहयोग देंगे।
केंद्रीय नेतृत्व ने संभाली उत्तराखंड की कमान
गौरतलब है कि शुक्रवार को केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड में चल रही कलह पर कमान संभाली। जिस तरीके से उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी के दो गुट सामने आ गए, उसपर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद वे कहीं ना कहीं केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने के प्रयास में सफल रहे। राहुल गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर आज हुई बैठक में हरीश रावत, उत्तराखंड अध्यक्ष गणेश गोंदियाल, राजयसभा सांसद प्रदीप टम्टा, प्रभारी देवेंद्र यादव शामिल हुए।
बता दें कि उत्तराखंड में पूरा सियासी बवाल हरीश रावत के एक ट्वीट के बाद सामने आया जिसमें हरीश रावत ने लिखा, है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र में तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है।