मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के खातों में 1000 रुपये डालने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उन लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश के कई मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। लॉकडाउन की अवधि बढ़ने पर वे वापस नहीं लौट सके। हमने अन्य सीएम से उनके भोजन और आश्रय की व्यवस्था करने के लिए बात की। हमने ऐसे श्रमिकों के खातों में 1000 रुपये ट्रांसफर करने का फैसला किया है। वे जहां भी होंगे, इस राशि को प्राप्त कर सकेंगे।
मजदूरों को संदेश देते हुए उन्होंने कहा, चिंता मत करो अगर जरूरत हो तो हम आपको और पैसे भेजेंगे। हम आपके साथ खड़े हैं। मैं जनप्रतिनिधियों से अनुरोध करता हूं कि वे ऐसे सभी लोगों की लिस्ट बनाएं और इसे मुख्यमंत्री कार्यालय या जिला कलेक्टर कार्यालय को भेजें। जब लिस्ट हमारे पास भेजी जाएगी तब हम पैसा भेजेंगे।
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उन्होंने कहा, 23 मार्च तक हमारे पास कोरोना वायरस की जांच के लिए कोई बुनियादी ढांचा नहीं था, लेकिन अब हमारे पास 5 वर्किंग लैब्स है। हम परीक्षण के लिए नमूने दिल्ली भी भेज रहे हैं। इसीलिए मामलों की संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, इंदौर में कोरोना के मामले बढ़ने से लोग डरे हुए हैं। यदि संक्रमित व्यक्ति नहीं जानता की वह कोरोना पॉजिटव है, तो वे न केवल अपने जीवन को बल्कि दूसरों को भी जोखिम में डाल देंगे। इसलिए हमने बड़े पैमाने पर परीक्षण करने का फैसला किया। इससे कोरोना को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मरीज इंदौर में पाए जा रहे हैं। यहां बुधवार को 117 और मरीजों के नमूनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिससे यहां कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 544 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार की रात को जारी बुलेटिन के अनुसार मौत का आंकड़ा 53 हो गया है।