लुधियाना : सरबत खालसा द्वारा नियुक्त श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार भाई जगतार सिंह हवारा जो इन दिनों स्वयं लंबे समय से तिहाड़ जेल की सखीचों के पीछे बंद है, ने बरगाड़ी मोर्चे की समाप्ति के पश्चात समूह सिख पंथ में उत्पन्न हुई निराशा और सिंह साहिबान में पैदा हुए आपसी विवाद के मध्यनजर सिख कौम को अगले संघर्ष के लिए भावी रणनीति बनाकर सिख कौम की एकता के हक में एक पांच सदस्यी कार्यकारिणी कमेटी का गठन किया है, इस कमेटी में वरिष्ठ वकील अमरसिंह चाहल, भाई नारायण सिंह चौड़ा, जसपाल सिंह हैरा, प्रो. बलजिंद्र सिंह और मास्टर संतोख सिंह दाबेवाल को शामिल किया है।
यह कमेटी जत्थेदार भाई हवारा के आदेशों के मुताबिक बरगाड़ी मोर्चे की मांगों की प्राप्ति के लिए आगामी रणनीति बनाने के लिए समस्त सिख संगठनों, संप्रदायों और अलग-अलग पंथक समूहों के करीब 120 से अधिक पंथक प्रतिनिधियों का एक पंथक इकटठ 27 जनवरी को चंडीगढ़ स्थित गुरूद्वारा साहिब शाहपुर सेक्टर 38 में बुलाया है। इस बैठक में पंथक एकता के साथ-साथ बरगाड़ी मोर्चे की तीन प्रमुख मांगों की प्राप्ति के लिए आगामी संघर्ष पर भी विचार होगा।
लुधियाना में विभिन्न क्षेत्रों से उपलब्धियां प्राप्त करने वाली शखशियतों का सम्मान करना प्रेरनास्रोत – सांसद रवनीत सिंह बिट्टू
इस अवसर पर उपस्थित भाई हवारा के धर्मपिता भाई गुरचरण सिंह पटियाला ने लुधियाना मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि वह 8 जनवरी को भाई हवारा से तिहाड़ जेल में मिलने गए थे, जहां भाई हवारा ने इस संबंध में एक हस्तलिखित खत सौंपा। पत्रकारों के सवाल जवाब के बीच उन्होंने कहा कि बरगाड़ी मोर्चे के समर्थक रही समस्त जत्थेबंदियों और मोर्चे के प्रबंधकों को लेकर समस्त सिख जत्थेबंदियों द्वारा किए जाने वाले फैसले को पूर्ण किया जाएंगा।
जत्थेदार हवारा की पंथक एकता की सोच और 27 जनवरी के पंथक इकटठ का एक उददेश्य है। एक सवाल के जवाब में 5 सदस्य कमेटी ने स्पष्ट किया कि जिन पंथक समूहों ने बरगाड़ी मोर्चे की विरोधता की थी, उन्हें आमंत्रण नहीं भेजा जाएंगा। इस दौरान वरिष्ठ वकील अमरसिंह चाहल को 5 सदस्य कमेटी का प्रवक्ता नियुक्त किया गया। इस अवसर पर चरणजीत सिंह खालसा, अमृतपाल सिंह, सुरिंद्र जीत सिंह संधू और जसविंद्र सिंह समेत अन्य पंथक नेता भी मौजूद थे।
– सुनीलराय कामरेड