पंजाब कांग्रेस में काफी उथल-पुथल के बाद भी अभी हालात बेहतर नहीं हुए है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य महाधिवक्ता अमर प्रीत सिंह देओल पर आज फिर हमला बोलते हुये उन पर बेअदबी मामलों के आरोपियों की अदालतों में पैरवी करने, उन्हें जमानत दिलाने तथा कांग्रेस सरकार पर ही आरोप लगाने का आरोप लगाया।
Mr. AG-PUNJAB, Justice is blind but people of Punjab are not. Our Congress party came in power with a promise to give justice in Sacrilege Cases, in which you appeared before the High Court for main conspirators/accused persons and made serious allegations against our Govt. 1/12 pic.twitter.com/YMjPrPBPCh
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) November 7, 2021
न्याय अंधा हो सकता है लेकिन राज्य की जनता अंधी नहीं है
सिद्धू ने आज एक के बाद एक 12 ट्वीट कर देओल पर निशाना साधते हुये कहा ‘‘आप मुझ पर गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि आप बरगाड़ बेअदबी और गोलीकांड मामलों में राज्य की जनता को गुमराह करने के साथ इनके आरोपियों को बचा रहे हैं। लेकिन न्याय अंधा हो सकता है लेकिन राज्य की जनता अंधी नहीं है।
कांग्रेस बेअदबी मामलों में न्याय दिलाने के वादे के साथ सत्ता में आई थी लेकिन आप आरोपियों की ओर से अदालतों में पेश हुये और जमानत दिलाई और सरकार पर गम्भीर आरोप लगाये। लेकिन अब आप ही उस सरकार के एजी नियुक्त किये गये हैं ऐसे में आपसे न्याय की कैसे उम्मीद की जा सकती है‘‘।
सिद्धू ने एक बार फिर सीधे मुख्यमंत्री के कामकाज पर सवाल उठाया
सिद्धू ने कहा कि देओल बताएं कि वह किसके हित के लिए काम कर रहे थे।..उनके हित के लिए जिन्होंने उन्हें एजी जैसे संवैधानिक पद पर बैठाया। ऐसी टिप्पणी कर सिद्धू ने एक बार फिर सीधे मुख्यमंत्री के कामकाज पर भी सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट में देओल पर हमला जारी रखते हुये कहा ‘‘अब आप राज्य के एजी है और अदालतों प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जल्द ही आप न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के मांगेंगे, ताकि इन मामलों पर फैसला कर सकें। एक सर्वोच्च विधि अधिकारी होने के बावजूद आपका ध्यान राजनीति पर है। उन्होंने देओल को नसीहत दी कि वह राजनीति को राजनेताओं पर छोड़ दें और अपने व्यक्तिगत विवेक, सत्यनिष्ठा और पेशेवर नैतिकता पर ध्यान केंद्रित करें‘‘।
पार्टी बरगाड़ बेअदबी मामले की जांच कराने और ड्रग माफिया को बेनकाब करने आई
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सिद्धू ने गत शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रैस क्लब में संवादाताओं को सम्बोधित करते हुये राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधते हुये उनसे सवाल किया था कि पार्टी बरगाड़ बेअदबी मामले की जांच कराने और ड्रग माफिया को बेनकाब करने जैसे दो मुख्य मुद्दों पर वर्ष 2017 में सत्ता में आई थी, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाने के कारण मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पद से इस्तीफा देना पड़ लेकिन नये मुख्यमंत्री ने भी गत 46 दिनो के शासन में इस दिशा में कोइ ठोस कदम नहीं उठाये हैं।
रकार और एजी के कामकाज में दखलंदाजी करने और गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप
इससे पहले देओल ने गत शनिवार को सिद्धू पर निशाना साधते हुये उन पर सरकार और एजी के कामकाज में दखलंदाजी करने और गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सिद्धू कथित राजनीतिक लाभ के लिये अपनी ही सरकार और एजी के कामकाज पर अंगुली उठा कर इसमें बाधा डाल रहे हैं।
इससे पहले सिद्धू ने गत शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में राज्य में अपनी ही पार्टी की सरकार के साथ एजी को भी बर बेअदबी मामले और नशे समस्या के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर कटघरे में खड़ किया था।
देओल राज्य सरकार के खिलाफ कई महत्वपूर्ण मामलों की पैरवी कर रहे हैं
उल्लेखनीय है कि देयोल राज्य सरकार के खिलाफ अनेक महत्वपूर्ण मामलों की पैरवी कर रहे हैं जिनमें बरगाड़ बेअदबी और गोलीकांड मामले में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के वकील हैं। सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी के राज्य के नये मुख्यमंत्री के रूप में पदभार सम्भालने के बाद देओल की एजी पद पर नियुक्ति तथा बरगाड़ मामले में गठित एसआईटी के तत्कालीन प्रमुख इकबाल प्रीत सिंह सहोता को राज्य के डीजीपी का प्रभार सौपे जाने के विरोध में गत 28 सितम्बर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने गत शुक्रवार को ही अपना इस्तीफा वापिस लिया था लेकिन साथ ही यह शर्त भी लगा दी थी कि वह नये एजी की नियुक्ति के बाद ही प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जाकर अपना कामकाज सम्भालेंगे। देओल ने हाल ही में मुख्यमंत्री से मिलकर अपने पद से इस्तीफा उन्हें सौंप दिया था लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार अभी स्वीकार नहीं हुआ है।