घूसकांड मुद्दे को लेकर सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना में चल रही जंग के बीच सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया है। इसके साथ ही, तत्काल प्रभाव से संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया गया है। इस फैसले को सरकार का इस मुद्दे पर बड़ा एक्शन माना जा रहा है।
इसको लेकर पर्सनल एंड ट्रेनिंग डिपार्टमेंट की तरफ से बयान जारी किया गया है। वही, बुधवार सुबह ही नागेश्वर राव ने अपना कार्यभार संभाला। नागेश्वर ने पदभार संभालते ही कड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इसके अलावा सीबीआई ने बुधवार को अपने दफ्तर के 10वें और 11वें फ्लोर को सील कर दिया है।
फैसले के खिलाफ SC जाएंगे प्रशांत भूषण
सरकार की तरफ से जैसे ही आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के फैसला लिया गया। वही, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आलोक वर्मा को हटाना गैर कानूनी है, इसलिए इस फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
Breaking! As feared&suspected, the govt has removed the Director CBI from his charge, because he was pursuing corrupt Spl Director Rakesh Asthana who was foisted on CBI by PMO despite his being investigated by the CBI itself in corruption cases.Totally illegal. Will be Challenged pic.twitter.com/KyZgEUBpyF
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) October 24, 2018
इससे पहले, मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की तरफ से राकेश अस्थाना से सोमवार तक जवाब देने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही, रिश्वतखोरी व अवैध उगाही के आरोपों में फंसे सीबीआई के उप-अधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार को अदालत ने 7 दिन की रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया है। बता दें कि अस्थाना ने घूस के आरोप में अपने खिलाफ दायर एफआईआर को चुनौती दी थी।