प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसके अलावा शाम को प्रधानमंत्री भुवनेश्वर में आयोजित पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करेंगे और समारोह को भी संबोधित करेंगे।
पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह दशक दुनिया में होने वाले बड़े बदलावों का दशक है। प्रधानमंत्री ने सम्मलेन में शामिल सभी जजों का अभिनन्दन किया और कहा आदरणीय महात्मा गांधी जी का जीवन सत्य और सेवा के लिए समर्पित था, जिन्हें किसी भी न्यायपालिका की नींव माना जाता है। वह खुद बैरिस्टर थे। उन्होंने अपनी पहली आत्मकथा के बारे में अपनी आत्मकथा में बड़े विस्तार से लिखा है।
प्रधानमत्री ने इस सम्मलेन में कहा कि हाल ही में, कुछ महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय आए हैं जो वैश्विक चर्चा के विषय थे। इन निर्णयों से पहले, परिणामों के बारे में कई चिंताएं व्यक्त की जा रही थीं, लेकिन 1.3 बिलियन भारतीयों ने इन न्यायिक फैसलों को पूरी ईमानदारी से स्वीकार किया।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अनेक देशों के सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख जज और अनेक बड़ी हस्तियां शामिल हैं। मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में आयोजित इस विश्व स्तरीय न्यायिक सम्मेलन में 47 देशों के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के जज भी शामिल हैं। इस न्यायिक सम्मलेन का आयोजन सुप्रीम कोर्ट कॉम्प्लेक्स में किया जा रहा है।
इस मौके पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, आतंकवादी और भ्रष्ट लोगों को निजता का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि शासन की जिम्मेदारी निर्वाचित प्रतिनिधियों पर छोड़ देनी चाहिये।
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इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद शाम को 7 बजे प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित होने वाले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के उद्घाटन समारोह को भी संबोधित करेंगे। बता दें इस प्रतियोगिता में देश के अनेक विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार देश के 159 विश्वविद्यालयों के 3400 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे। इन खेलों में रग्बी सहित 17 खेल शामिल हैं।