वायु प्रदूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई जारी है। प्रदूषण पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उद्योगों के बंद होने से राज्य में गन्ना और दूध उद्योग प्रभावित हो सकते हैं और यूपी नीचे की ओर हवा में है, हवा ज्यादातर पाकिस्तान से आ रही है।
यूपी सरकार की इस दलील पर प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने चुटकी लेते हुए कहा कि आप पाकिस्तान में उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं। वहीं, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदूषण मामले को लेकर पांच सदस्यों की इंफोर्समेंट टास्क फोर्स गठित की गई है।
‘‘खलनायक’’ के तौर पर ‘‘चित्रित’’ किए जाने पर SC ने जताया दुख
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के राज्यों को शुक्रवार को निर्देश दिए कि वे वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन संबंधी आयोग के आदेशों को लागू करें। इसके साथ ही कोर्ट ने इस बात पर दुख जताया कि मीडिया के कुछ वर्गों ने उसे ऐसे ‘‘खलनायक’’ के तौर पर ‘‘चित्रित’’ किया है, जो यहां स्कूलों को बंद कराना चाहता है।
आयोग ने एक हलफनामे में पीठ को बताया कि दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए पांच सदस्यीय एक प्रवर्तन कार्य बल गठित किया गया है। हलफनामे में कहा गया है कि 17 उड़न दस्तों का गठन किया गया है, जो कोर्ट और आयोग के आदेशों के तहत विभिन्न कदमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे और 24 घंटों में इनकी संख्या बढ़ाकर 40 की जाएगी।
SC की फटकार के बाद 17 उड़न दस्तों का हुआ गठन, बारिश के बावजूद ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी है वायु गुणवत्ता
इसमें कहा गया है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले और स्वच्छ ईंधन की मदद से चलने वाले ट्रकों को छोड़कर शेष ट्रकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। पीठ ने इन कदमों का संज्ञान लेते हुए कहा, ‘‘हमने केंद्र और दिल्ली सरकार के हलफनामे पर गौर किया है। हमने प्रस्तावित निर्देशों पर विचार किया है। हम केंद्र और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार को निर्देश देते हैं कि वे दो दिसंबर के आदेश लागू करें और हम अगले शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेंगे।’’