समाजवादी पार्टी नए कलेवर के साथ देगी संगठन को विस्तार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

समाजवादी पार्टी नए कलेवर के साथ देगी संगठन को विस्तार

समाजवादी पार्टी खुद को नए कलेवर में तैयार कर संगठन को विस्तार देने की तैयारी में है। इसके लिए यह युवा कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के अलावा पिछड़ों और दलितों पर भी फोकस करना चाह रही है।

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) खुद को नए कलेवर में तैयार कर संगठन को विस्तार देने की तैयारी में है। इसके लिए यह युवा कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के अलावा पिछड़ों और दलितों पर भी फोकस करना चाह रही है। 
सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनाव में उतरने के पहले अपनी पार्टी को सोशल इंजीनियरिंग के हिसाब से मजबूत कर मैदान में लाने के प्रयास में हैं, क्योंकि इस बार उन्हें कई मोर्चो पर संघर्ष करना पड़ेगा। अखिलेश द्वारा विधानसभा स्तर तक की कमेटियां भंग किए जाने के अलावा फ्रंटल संगठनों को नए सिरे से गठित करने की तैयारी की जा रही है, क्योंकि इस बार उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी अलग से मैदान में रहने वाली है और यह चुनाव सपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण भी है। 
सूत्रों के अनुसार, अखिलेश ने प्रमुख नेताओं के साथ मंथन करके उपचुनाव में मजबूती से उतरने का फैसला किया गया है। उपचुनाव में सभी वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगाई जाएगी। परिणाम के आधार पर संगठनात्मक जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। संगठन में संघर्ष करने वाले और विश्वासपात्रों को ही तवज्जो देने की बात कही जा रही है। 
सपा सरकार में मंत्री रहे रविदास मेहरोत्रा ने कहा, “सपा के लिए अभी संघर्ष का समय चल रहा है। ऐसे में हमें भरोसेमंद और संघर्षवान पदाधिकारी चाहिए। इस बात को ध्यान में रखकर पार्टी नई कमेटियां गठित करेगी। नई कार्यकारिणी में लोकनायक के संघर्षो से प्रेरित पुराने और नए चेहरों को शामिल किया जाएगा।”
1566968985 sp
पूर्व मंत्री ने कहा, “हमारा संसदीय बोर्ड प्रत्याशियों के चयन में लगा हुआ है। उपचुनाव में वरिष्ठों के साथ ही नए प्रत्याशी भी मैदान में उतरेंगे। हम लोग पूरी ताकत से विरोधियों को जवाब देंगे। सपा की नई कार्यकारिणी जल्द ही घोषित होगी।” पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बसपा से गठबंधन का प्रयोग विफल होने के बाद समाजवादी पार्टी संगठन की ‘ओवरहॉलिंग’ पर अधिक फोकस कर रही है। 
उन्होंने कहा, “कमेटियों में सभी वर्गो का पूरा ख्याल रखा जाएगा। पिछड़े, अति पिछड़े, मुस्लिम और दलित वर्ग के लोगों को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। दलित समाज के उन लोगों को जोड़ा जाएगा जो अपने वर्ग में अच्छी पैठ रखते हों। पार्टी संगठन उपचुनाव की तैयारी में मजबूती के साथ लगा हुआ है। चयन प्रक्रिया चल रही है।” 

अखिलेश यादव ने BJP सरकार पर लगाया भय फैलाकर लोकतंत्र चलाने का आरोप

इस बार विश्वासपात्र और परिवार के जो लोग चुनाव हारे, उन्हें भी संगठन में जगह देने की कवायद चल रही है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रेमशंकर मिश्रा का कहना है कि सपा में अब जो संगठन बनेगा, उसमें उपचुनाव छोटा हिस्सा है। इनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है साल 2022 का चुनाव। सपा के लिए 2022 अस्तित्व की अंतिम लड़ाई है, इसलिए ऐसा संगठन बनाया जाएगा, जिसमें सब कुछ समाहित हो। 
उन्होंने कहा कि सपा के लिए अब ‘करो या मरो’ की स्थित है। इसलिए अब जो संगठन बनेगा, वह 2022 के चुनाव को ध्यान में रखकर ही बनेगा। अब इस पर ध्यान होगा कि जो पार्टी छोड़कर जा चुके हैं, उनकी भरपाई हो सके। जो वोटबैंक खिसक रहा है, उसे भागीदारी दी जा सके। मिश्रा ने कहा कि अति पिछड़े, सवर्ण जैसे वोटर जो वैल्यू एडिशन बढ़ाते हैं, उन्हें पार्टी से जोड़ने का प्रयास करना होगा। 
अखिलेश यादव को तमाम झटकों के बावजूद ऐसा संगठन बनाना होगा, जिसमें प्रभावशाली और विश्वासपात्र लोग हों। पार्टी में सबको समाहित करने के लिए सबको भागीदारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि परिवार के तमाम चेहरे जो चुनाव हार चुके हैं, उनकी भागीदारी संगठन में प्रमुख तौर पर दिखेगी। परिवार का समायोजन ठीक से किया जाएगा। 
1558539790 akhilesh1
साल 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही शिल्पी तलाशे जाएंगे। उपचुनाव में सपा के आगे बसपा से बेहतर प्रदर्शन की चुनौती है, क्योंकि बसपा भी पहली बार उपचुनाव में उतरेगी। इसी कारण सपा उपचुनाव में छोटे दलों से भी समझौता कर उनके वोट बैंक का लाभ लेना चाहती है। यही वजह है कि ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से गठबंधन की बातचीत चल रही है। 
सूत्र बताते हैं कि अभी एक-दो दल और भी सपा से उपचुनाव के लिए संपर्क कर रहे हैं। सपा बसपा में जो पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी, 2022 के विधानसभा चुनाव में उसी की बढ़त की उम्मीद जगेगी। वर्ष 2022 के लिए संगठन तैयार करते समय सपा सारी जातियों की गोट बिठाकर सबको समाहित करने का प्रयास करेगी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 + sixteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।