UP चुनाव की सुबुगाहट के साथ ही 'राम परिक्रमा' में लगे राजनीतिक दल, विपक्षी का नया मंत्र 'राम ही करेंगे बेड़ा पार' - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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UP चुनाव की सुबुगाहट के साथ ही ‘राम परिक्रमा’ में लगे राजनीतिक दल, विपक्षी का नया मंत्र ‘राम ही करेंगे बेड़ा पार’

विधानसभा चुनाव की सुबुगाहट के साथ ही यूपी मे सभी राजनीतिक दल “राम परिक्रमा” में लग गए हैं। इसमें खास बात यह है कि कभी राममंदिर निर्माण को लेकर भाजपा पर हमला करने वाले दल भी अयोध्या से अपने चुनावी अभियान की शुरूआत कर रहे हैं।

विधानसभा चुनाव की सुबुगाहट के साथ ही यूपी मे सभी राजनीतिक दल “राम परिक्रमा” में लग गए हैं। इसमें खास बात यह है कि कभी राममंदिर निर्माण को लेकर भाजपा पर हमला करने वाले दल भी अयोध्या से अपने चुनावी अभियान की शुरूआत कर रहे हैं।
कई प्रमुख दलों के नेताओं ने अयोध्या जाकर अपनी चुनावी गतिविधियों की शुरूआत की
पिछले कुछ दिनों में कई प्रमुख दलों के नेताओं ने अयोध्या जाकर अपनी चुनावी गतिविधियों की शुरूआत की है। इससे राजनीतिक पंडितों ने अनुमान लगाया है कि यूपी का होंने वाला विधानसभा चुनाव हिन्दू वोटों को अपने पाले में लाने की कवायद देखी जा रही है। भाजपा तो भगवान राम को लेकर पहले से ही चर्चा में रही है कि वह राम के नाम को लेकर चुनाव मैदान में उतरती है, लेकिन आने वाले इस विधानसभा चुनाव में लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां अयोध्या पहुंच रही हैं।
योगी आदित्यनाथ दर्जनों बार अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ दर्जनों बार अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए और कई विकास कार्यों की योजनाओं की घोषणा भी की है। इसके अलावा वह इसके लिए समय-समय पर आगे का रोडमैप पर चर्चा भी करते रहते हैं। मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या पहुंचे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अयोध्या जाना भी सुर्खियों में रहा। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा के सतीश चन्द्र मिश्रा ने रामलला मंदिर में पूजा अर्चना के बाद प्रबुद्ध सम्मेंलन की शुरूआत की थी।
भगवान राम तो सबके हैं
इसके बाद उन्होंने कहा कि भगवान राम तो सबके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आने पर यहां का और तेज विकास होगा। समाजवादी पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव के लिए अयोध्या को ‘लॉन्चिंग पैड’ के तौर पर इस्तेमाल किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने 3 सितंबर को अयोध्या में आयोजित ‘खेत बचाओ, रोजगार बचाओ’ अभियान में हिस्सा लिया।विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और सपा ने भी सियासी गतिविधियां तेजी से पकड़ी है। हांलांकि इन दलों के बड़े नेता अभी दरबार में हाजिरी लगाने नहीं पहुंचे। राजनीतिक विष्लेषकों की नजर इन पर लगी हुई है।
ओवैसी ने भी अयोध्या के धन्नीपुर क्षेत्र को अपनी चुनावी अभियान की शुरूआत की
जनसत्ता लोकतांत्रिक दल की अगुवाई कर रहे बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने बीते 31 अगस्त को अयोध्या से ही यूपी के अपने चुनावी अभियान की शुरूआत करते हुए पार्टी कार्यकतार्ओं से बातचीत की। हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी अयोध्या के धन्नीपुर क्षेत्र को अपनी चुनावी अभियान की शुरूआत की है।
भाजपा ने तुष्टीकरण की राजनीति का अंत कर दिया
भाजपा प्रवक्ता अवनीष त्यागी का कहना है, “भाजपा ने तुष्टीकरण की राजनीति का अंत कर दिया है। जो विपक्षी दल तुष्टिकरण की राजनीति करके वोट के लिए समाज में विद्वैष फैला रहे थे, उनकी आंखे खोल दी है। भाजपा एक सही राह पर थी। अब विपक्षी दलों को सद्बुद्धि आ रही है। अब उन्हें मंदिर नजर आने लगा। भारतीय संस्कृतिक और मानवीय मूल्यों की अनदेखी कर रहे थे। उन्हें अब बुद्धि आने लगी है।”
बिना किसी अड़चन के राममंदिर बनता दिख रहा है
राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल का कहना है, “बिना किसी अड़चन के राममंदिर बनता दिख रहा है। अगले कुछ सालों में आकार ले लेगी। यह हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक होगा इसे इग्नोर करना काफी मुष्किल है। सभी पार्टियों ने अहसास किया है कि साल 2014, 2017, 2019 के चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की है उसे हिन्दुओं की वजह से मिली है। हिन्दुओं को सर्पोट लेने के लिए उनकी आस्था के प्रतीक को अपनाना होगा। इसी कारण से सभी दल अयोध्या पहुंच रहे है। अगर अयोध्या मे राममंदिर बनने में कोई कानून पेंच या अन्य अड़चन होती तो सिवाय भाजपा के इससे हर दल दूरी बना लेते।”

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