उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने गुरुवार को यह आरोप लगाकर नया विवाद पैदा कर दिया है कि बुर्का पहनकर वोट डालने आ रही महिला मतदाताओं की जांच नहीं हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिन आठ सीटों के लिए पहले चरण के तहत गुरुवार को मतदान हो रहा है उनमें मुजफ्फरनगर भी शामिल है। बालियान इसी सीट से बीजेपी प्रत्याशी हैं।
उन्होंने कहा, ”एक बूथ पर गया तो मैंने देखा कि बहुत अच्छी तरह से चेहरे चेक नहीं किये जा रहे हैं। अगर बुर्के में कोई आता है तो चार बार आये, पांच बार आये, आप चेहरा कैसे चेक करेंगे।” बालियान ने कहा, ”चेहरा चेक किये बिना आप वोट कैसे डलवा सकते हैं … बुर्के में जो महिलाएं हैं, चेहरा नहीं देखा जा रहा है कहीं भी। चेहरा देखना चाहिए। फर्जी वोटिंग चल रही थी … महिलाएं सीधे वोट डाल रही थीं।”
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संजीव बालियान ने एक गांव की चर्चा करते हुए कहा कि वहां 25 से 26 बूथ हैं लेकिन महिला कांस्टेबल बिल्कुल नहीं थीं। गांव में एक भी महिला कांस्टेबल की डयूटी नहीं थी। अगर वहां नहीं लगाएंगे तो महिला कांस्टेबल किस काम के लिए हैं। बालियान ने कहा, ”महिलाओं लंबी लाइन है लेकिन अंदर कुछ पोलिंग पार्टी में महिलाएं नहीं थीं … तो पुरूष चेक करेंगे। इस देश में ऐसा नहीं हो सकता कि चेहरे देखे बिना आप वोट डालने दें।”
संजीव बालियान ने कहा कि पुरूष पीठासीन अधिकारी कहते हैं कि हमारे पास महिला कर्मचारी नहीं हैं तो हम चेहरा कैसे देखें। ”अरे भई, ये हिन्दुस्तान है, लोकतांत्रिक देश है। चेहरा देखे बिना वोट नहीं दे सकते। धार्मिक आधार पर अगर किसी को चेहरा दिखाने पर आपत्ति है तो मत वोट दीजिए।”
संजीव बालियान ने कहा कि चेहरा देखकर वोट डलवाने चाहिए। एक महिला अंदर जाती है और बिना हस्ताक्षर के वोट डालती है। बाद में अधिकारी कहता है कि बहन जी हस्ताक्षर कर दीजिए। हस्ताक्षर के बिना वोट किया जा रहा है। कांग्रेस ने हालांकि बालियान की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्हें अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिए।
उधर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटश्वर लू ने बताया कि पहले ही ऐसी व्यवस्था है कि जिलाधिकारियों ने महिला वोटरों की पहचान की पुष्टि के लिए महिला अधिकारियों को तैनात कर रखा है। जहां कहीं भी बुर्के में महिला मतदाता आती हैं, वहां तैनात महिला निर्वाचन अधिकारी उनकी पहचान की पुष्टि करती हैं।