रूस और यूक्रेन में जारी भीषण युद्ध का आज 38वां दिन है और भी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने चीन से समर्थन मिलने की उम्मीद जताई है। जेलेंस्की ने फॉक्स न्यूज चैनल को शुक्रवार को दिए एक साक्षात्कार में कहा, मैं चाहता हूं कि चाइना पीपुल्स रिपब्लिक हमारे पक्ष में हो, लेकिन यह उनकी इच्छा पर निर्भर करेगा। उन्होंने आगे कहा कि चीन और अमेरिका के बीच सीधे संवाद के बिना ऐसा कुछ हो पाना मुश्किल है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश दुनिया के बाकी अग्रणी देशों से उम्मीद करता है कि रूस के साथ युद्ध को खत्म करने के लिए कोई समझौता होता है तो वे यूक्रेन की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने की प्रतिबद्धता को निभायेंगे यदि वे रूस के साथ एक समझौता करने के लिए सहमत है।
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हमें स्वीकार नहीं करना चाहता है नाटो : जेलेंस्की
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने विश्वास को दोहराया कि यूक्रेन उत्तर अटलांटिक संधि संघटन (नाटो) के लिए एक लाभकारी होगा। उन्होंने कहा, नाटो के बारे में बात करना हमारे लिए कठिन है क्योंकि नाटो हमें स्वीकार नहीं करना चाहता। मुझे लगता है कि यह एक गलती है क्योंकि अगर हम नाटो में शामिल होते हैं, तो हम नाटो को और अधिक मजबूत बनाते हैं। हम एक कमजोर राज्य नहीं हैं। हम प्रस्ताव नहीं कर रहे हैं। मुझे लगता है कि हम यूरोपीय महाद्वीप के महत्वपूर्ण घटकों में से एक हैं। बता दें कि, इससे पहले चीन ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों में शामिल होने से इंकार कर दिया था।
रूस के तेल डिपो पर हमले के सवाल पर टिप्पणी करने से किया इंकार
जेलेंस्की ने रूसी तेल के डिपो पर हमले का आदेश देने के सवाल पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वह ‘सर्वोच्च कमांडर’ के तौर पर जो आदेश देते हैं, उस पर किसी के साथ चर्चा नहीं करते। इससे पहले यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने मास्को के उन आरोपों का खंडन किया था, जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन के दो हेलीकॉप्टर ने शुक्रवार को बेल्गोरोद स्थित तेल के डिपो पर हमला किया। बेल्गोरोद के गवर्नर ने कहा था कि डिपो में दो कर्मचारी घायल हुए। लेकिन रूस के मीडिया ने तेल कंपनी रोसनेफ्त के बयान का हवाला देते हुए किसी के भी घायल होने की खबर से इंकार किया।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने विश्वास को दोहराया कि यूक्रेन उत्तर अटलांटिक संधि संघटन (नाटो) के लिए एक लाभकारी होगा। उन्होंने कहा, नाटो के बारे में बात करना हमारे लिए कठिन है क्योंकि नाटो हमें स्वीकार नहीं करना चाहता। मुझे लगता है कि यह एक गलती है क्योंकि अगर हम नाटो में शामिल होते हैं, तो हम नाटो को और अधिक मजबूत बनाते हैं। हम एक कमजोर राज्य नहीं हैं। हम प्रस्ताव नहीं कर रहे हैं। मुझे लगता है कि हम यूरोपीय महाद्वीप के महत्वपूर्ण घटकों में से एक हैं। बता दें कि, इससे पहले चीन ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों में शामिल होने से इंकार कर दिया था।
रूस के तेल डिपो पर हमले के सवाल पर टिप्पणी करने से किया इंकार
जेलेंस्की ने रूसी तेल के डिपो पर हमले का आदेश देने के सवाल पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वह ‘सर्वोच्च कमांडर’ के तौर पर जो आदेश देते हैं, उस पर किसी के साथ चर्चा नहीं करते। इससे पहले यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने मास्को के उन आरोपों का खंडन किया था, जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन के दो हेलीकॉप्टर ने शुक्रवार को बेल्गोरोद स्थित तेल के डिपो पर हमला किया। बेल्गोरोद के गवर्नर ने कहा था कि डिपो में दो कर्मचारी घायल हुए। लेकिन रूस के मीडिया ने तेल कंपनी रोसनेफ्त के बयान का हवाला देते हुए किसी के भी घायल होने की खबर से इंकार किया।